पुलिस ने आतंकी इकोसिस्टम को नेस्तनाबूद करने के लिए जमात-ए-इस्लामी (JeI) और उसके ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की है. हाल ही में “व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल” के भंडाफोड़ और दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर घाटी में उभरते नए आतंकी नेटवर्क की जड़ें खोदना शुरू कर दिया था. इन दोनों घटनाओं से साफ़ है कि पाकिस्तानी आतंकी हैंडलर एक बार फिर कश्मीर में नया आतंकी तंत्र खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी आतंकी इकोसिस्टम को पूरी तरह खत्म करने और ज़मीनी स्तर पर सहयोग देने वाली संरचना को ध्वस्त करने के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आज पूरे कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर समन्वित छापेमारी अभियान चलाया.
पुलिस की किन पर खास नजर
इन छापों में खास तौर पर प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (JeI) और उसके ओवर-ग्राउंड वर्कर्स से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया गया.यह अभियान कश्मीर के आठ जिलों जिसमें श्रीनगर, बडगाम, बारामुल्ला, कुपवाड़ा, अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां में एक साथ कई स्थानों पर सुबह-सुबह शुरू किया गया. छापे मुख्य रूप से उन व्यक्तियों और परिसरों पर केंद्रित रहे जो पहले या वर्तमान में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी से जुड़े हुए हैं. केंद्र सरकार ने JeI को UAPA (अनलॉफुल एक्टिविटीज़ प्रिवेंशन एक्ट) के तहत प्रतिबंधित कर चुकी है.
क्या है सुरक्षाकर्मियों की प्लानिंग
महिला पुलिसकर्मियों सहित पुलिस टीमों ने सभी लक्षित जगहों पर गहन तलाशी ली. सूत्रों के अनुसार बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण, दस्तावेज़ और अन्य आपत्तिजनक सामग्री ज़ब्त की गई है, जिनके विश्लेषण से आतंकी नेटवर्क का पूरा पता लगाने और उसे खत्म करने की प्रक्रिया चल रही है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक प्रवक्ता ने इन कार्रवाइयों को JKP की “निरंतर रोकथाम रणनीति” का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य आतंकवाद को वैचारिक, वित्तीय और लॉजिस्टिक सहायता देने वाले पूरे तंत्र को समाप्त करना और घाटी में स्थायी शांति सुनिश्चित करना है.